सख्त कानून के जरिये नकली दवाओं के कारोबार पर सरकार कसेगी शिकंजा
नई दिल्ली। मापदंड और नियम कायदों को ताक पर रखते हुए जिस तरह दवाइयां बनाई जा रही हैं उस पर अब लगाम की तैयारी शुरू हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कड़े कानून बनाने की तैयारी में जुट गया है। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक में ''ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेस एंड कास्मेटिक एक्ट 2025'' के मसौदे पर चर्चा हुई।
माना जा रहा है कि जल्द ही इस मसौदे की मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा और वहां से हरी झंडी मिलने पर आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जेपी नड्डा के साथ बैठक में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया की ओर से नए प्रस्तावित कानून का विस्तृत मसौदा पेश किया गया।
नया कानून 1949 के ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट की जगह लेगा। नए प्रस्तावित कानून में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चत करने के लिए सीडीएससीओ को अधिक शक्तियों का प्रविधान किया गया है। इसके तहत डीजीएससीओ दवाओं की गुणवत्ता की जांच और जहरीली या कम गुणवत्ता वाली दवाओं की स्थिति में कड़ी कार्रवाई करने का अधिकार होगा। इसके साथ ही प्रस्तावित कानून में दवाओं, मेडिकल उपकरण या सौंदर्य प्रसाधन निर्माता इकाइयों की पूरी जानकारी डिजिटल रूप में उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
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